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Friday 26 August 2011
Thursday 18 August 2011
articles on anna
हम न कांग्रेस का समर्थन करते है,
हम न भाजपा का समर्थन करते है,
हम तो अन्ना हजारे का समर्थन करते है ,
हम तो जन लोकपाल का समर्थन करते है ,
हम भ्रस्टाचार के खिलाफ एक अभियान का समर्थन करते है,
हम देश की उन्नति का समर्थन करते है ,
हम सर्कार की गलत नीतियो के खिलाफ एक आवाज का समर्थन करते है
जय हिंद
जय भारत
mantri-ji
कपिल सिब्बल ने कल कहा था-
की अगर अन्ना के पास इतना जनसमर्थन ह तो ,
और अगर उनकी मांग जायज ह तो
उन्हें विरोध छोड़कर चुनाव लड़के संसद में आना चाइये,
इसका मतलब तो ये ह की अगर
मुझसे कोई रिश्बत मांग रहा ह तो में उसका विरोध न कृ
,मुझे चुनाव लड़ना चाइये और संसद में जाकर भा बिरोध करना चाइये
बाह रही भारत सरकार और इसके मंत्री ,
अन्ना हजारे का जी जन से समर्थन करे
जय श्री कृष्णा
Wednesday 17 August 2011
bharat hua ek
अन्ना जी के इस आन्दोलन
ने पूरे देश को एक सूत्र में बांध दिया है,
इस आन्दोलन को समर्थन दे रहे है,
और सभी ने भारत के विविधता में एकता
सूत्र को प्रदर्षित किया है ,
और हम सब का bhi ,
यो हम सब मिलकर अन्ना की आवाज बने ,
जय श्री कृष्णा
about-anna-hzare
कौन ह अन्ना-
आम आदमी की आवाज ह अन्ना-
मुश्किलों का हल ह अन्ना
मेरी आवाज ह अन्ना .
आप सब की आवाज ह अन्ना,
बस उसे पहचानने की जरूर है
और बाहर निकलने की जरूरत है
anna ki bheed or netao ki bheed
अन्ना की भीड़ और नेताओ की भीड़ में अंतर -
नेताओ की भीड़ -
दारू पिला कर लाये गये लोग.
जबरदस्ती ट्रको और बसों में भरकर लाये गये लोग,
नोट देकर लाये गये लोग,
किसी पार्टी से सम्बंधित लोग,
बहुत सारे प्रलोभन देकर लाये गये लोग.
और अन्ना के साथ वाले लोग-
देश के भारस्ताचार से परेसान लोग,लोग,
मजदूरी करने वाले से लेकर डॉक्टर इंजिनियर अक.
देश के सिस्टम से परेशान लोग,
ये भ्हेद किसी स्वार्थ के कारन नही आयी हुए है,
ये देश के लोगो के अन्दर चलने वाले दन्द का परिणाम है
kya h sambidhan
कपिल सिब्बल कह रहे ह
की अन्ना हजारे ने संसद का अपमान किया
हमारे सविधान का अपमान किए
उन्हें क्या संसद की कार्यप्रणाली पर भरोसा नही है
एक बात बताओ दोस्तों क्या जनता संसद के लिए बनी ह
या संसद जनता के लिए,
संबिधान जनता के लिए बना ह ,या जनता संबिधान के लिए ,
हम कोई कानून बन रहा ह तो हम उस पर प्रतिक्रिया नही कर सकते ,
मेरे मानना ह की सभी क़ानून जनता के लिए बने ह ,
क़ानून के लिए जनता नही
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